हरियाणा में धान, बाजरा, मूंग और मक्का की खरीद की तिथियां घोषित, किसानों को मिलेगी राहत
धान की खरीद 23 सितंबर से शुरू
हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए फसलों की खरीद की तारीखों की घोषणा कर दी है। इस बार, धान की खरीद 23 सितंबर 2024 से शुरू होगी और यह 15 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। यह घोषणा प्रदेश के किसानों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि धान की खरीद एक प्रमुख फसल के विपणन का हिस्सा है। इस बार धान की अनुमानित खरीद 84 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
बाजरा और मूंग की खरीद के लिए तैयारियां पूरी
बाजरा और मूंग की खरीद भी इस बार समय पर की जाएगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने जानकारी दी है कि बाजरा और मूंग की खरीद 1 अक्टूबर 2024 से शुरू होगी और यह 15 नवंबर 2024 तक चलेगी। इस बार बाजरा की खरीद के लिए 91 मंडियां/खरीद केंद्र खोले गए हैं, जबकि मूंग की खरीद के लिए 38 मंडियां/खरीद केंद्र सक्रिय रहेंगे।
बाजरा की बुवाई 4.44 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है, और इसका अनुमानित उत्पादन 10.78 लाख मीट्रिक टन है। मूंग की बुवाई के आंकड़े भी महत्वपूर्ण हैं, और विभाग ने इस फसल की खरीद के लिए आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की हैं।
मक्का की खरीद 20 सितंबर से शुरू
मक्का की खरीद 20 सितंबर 2024 से शुरू होगी और यह भी 15 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। मक्का की बुवाई 0.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है और अनुमानित उत्पादन 0.23 लाख मीट्रिक टन है। मक्का की खरीद के लिए 19 मंडियां/खरीद केंद्र खोले गए हैं, जिससे किसानों को उचित मूल्य और समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
विभाग की तैयारियां और सुविधाएं
डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि फसलों की खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए कई मंडियों और खरीद केंद्रों की व्यवस्था की है। इससे किसानों को अपने उत्पाद को बाजार में लाने और उचित मूल्य प्राप्त करने में सहूलियत होगी। विभाग की ओर से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी खरीद केंद्र समय पर खुलें और किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
हरियाणा में फसलों की खरीद के लिए निर्धारित तिथियों की घोषणा ने किसानों के लिए राहत की खबर दी है। धान, बाजरा, मूंग और मक्का की खरीद के लिए आवश्यक सुविधाओं और मंडियों की व्यवस्था की गई है, जिससे किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा। यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता को भी बढ़ावा देगा। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इन तारीखों का ध्यान रखें और समय पर अपनी फसल को बिक्री के लिए प्रस्तुत करें।