गृहमंत्री अमित शाह का कांग्रेस नेता पर हमला : “डरिए मत, लाल चौक आइए”

गृहमंत्री अमित शाह का कांग्रेस नेता पर हमला : “डरिए मत, लाल चौक आइए”

जम्मू-कश्मीर के रामबन में अमित शाह की जनसभा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के रामबन में एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सत्ता की स्थिति और विशेष रूप से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर तीखा हमला बोला। शाह ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में एक ही विधान, एक प्रधान और एक झंडा होगा, और वह झंडा केवल भारत का तिरंगा होगा।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर तीखा हमला

अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिंदे ने अपने गृहमंत्री रहते हुए जम्मू-कश्मीर के लाल चौक में जाने से डर का ज़िक्र किया था। शिंदे ने हाल ही में एक किताब के विमोचन के दौरान कहा था कि उन्हें लाल चौक जाकर भाषण देने में डर लगता था और उन्होंने इसे स्वीकार किया था।

शाह ने इस बयान पर चुटकी लेते हुए कहा, “अब आप डरने की जरूरत नहीं है। आप लाल चौक आइए, आपको डर नहीं लगेगा। आप अपने पोते-पोतियों के साथ वहां आकर एन्जॉय कर सकते हैं।” यह बयान शिंदे के बयान को चुनौती देने और उनकी आलोचना करने के मकसद से था।

 

राहुल गांधी पर भी कटाक्ष

अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित बनाया है और अब वहां धारा-370 का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी आज लाल चौक में आइसक्रीम खाते हैं और मोदी जी को गालियाँ देते हैं। शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी ने धारा-370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से भारतीय संविधान के अधीन कर दिया है।

 

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर गंभीर आरोप

अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पार्टियाँ जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहती हैं। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनी, तो जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से आतंकवाद और हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। शाह ने कहा कि इन पार्टियों का एकमात्र एजेंडा आतंकवाद है और उनकी वापसी से विकास और शांति की प्रक्रिया को खतरा हो सकता है।

 

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने तीन चरणों में मतदान की योजना बनाई है। 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान होगा, और मतगणना 4 अक्टूबर को की जाएगी। राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 74 जनरल, 9 एसटी और 7 एससी सीटें हैं। चुनाव के दौरान 87.09 लाख मतदाता अपनी वोट डालेंगे, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं और 3.71 लाख पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाता शामिल हैं।

 

चुनाव आयोग ने इस बार 360 मॉडल पोलिंग स्टेशनों का भी निर्माण किया है और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में कुल 11,838 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 9,506 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं।

 

गृहमंत्री अमित शाह का बयान और उनके कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर लगाए गए आरोप जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक नई दिशा और राजनीतिक तनाव को संकेत करते हैं। शिंदे और राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी, और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और विकास के मुद्दे पर शाह के रुख से यह स्पष्ट है कि चुनावी मैदान में माहौल गर्म होगा।

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