तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल : 100 दिन की कठिनाई और आत्मसाक्षात्कार की यात्रा
जेल में बिताए दिनों का विवरण
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में तिहाड़ जेल में बिताए दिनों के बारे में खुलासा किया। जेल से बाहर निकलने के बाद, उन्होंने पार्टी मुख्यालय में एक संबोधन में जेल में बिताए दिनों की कठिनाइयों और आत्मसाक्षात्कार के बारे में विस्तार से बताया। केजरीवाल ने बताया कि इस अवधि में उन्हें तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वे 100 गुना अधिक ताकत के साथ बाहर आए हैं।
केजरीवाल ने अपनी जेल की जिंदगी को साझा करते हुए कहा कि इस दौरान उन्होंने धार्मिक और ऐतिहासिक ग्रंथों का अध्ययन किया। उन्होंने रामायण, गीता, और महाभारत पढ़ी, और भगत सिंह की जेल डायरी को विशेष रूप से पढ़ा, जिसने उन्हें प्रेरित और मजबूत किया।
जेल में की गई पढ़ाई और आत्मनिरीक्षण
केजरीवाल ने कहा कि जेल में रहते हुए उन्होंने राजनीतिक और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी किताबें भी पढ़ीं। इस समय को उन्होंने आत्मनिरीक्षण और विचार के लिए एक अवसर के रूप में देखा। उन्होंने खुलासा किया कि बीजेपी ने कई बार उनके हौसले को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन वे कभी अपने मंसूबों में सफल नहीं हुए। उनके अनुसार, जेल में बिताए गए इन दिनों ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त किया, और वे अपने अनुभवों को साझा करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा
अपने संबोधन के दौरान, केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनीष सिसोदिया दिल्ली के नए मुख्यमंत्री नहीं होंगे। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को बताया कि इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी के किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
केजरीवाल ने कहा कि विधायक दल की बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर आतिशी को झंडा फहराने की अनुमति के लिए उन्होंने दिल्ली के एलजी को पत्र लिखा था। इसके जवाब में उन्हें चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने दोबारा ऐसा पत्र लिखा, तो उन्हें परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आगामी दिशा और पार्टी की रणनीति
केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद, आम आदमी पार्टी की भविष्य की दिशा और रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी को नए मुख्यमंत्री के चयन के साथ-साथ दिल्ली की राजनीति में नए बदलावों को स्वीकार करना होगा। केजरीवाल ने अपनी कठिन यात्रा को एक नई शुरुआत के रूप में देखा और पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस परिवर्तन के साथ आगे बढ़ें और दिल्ली के विकास में योगदान दें।
अरविंद केजरीवाल का तिहाड़ जेल में बिताया गया समय उनके राजनीतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। जेल में बिताए दिनों ने उन्हें मानसिक रूप से सशक्त किया और उनके विचारों को नया आकार दिया। उनकी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा और पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर जो अनिश्चितताएँ हैं, वे आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएंगी। इन बदलावों के साथ, आम आदमी पार्टी और दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय शुरू होने की संभावना है।