गोगामेड़ी मेला 2024 ऊंटों की संख्या में बढ़ोतरी से पशुपालन विभाग उत्साहित
गोगामेड़ी पशु मेला: ऊंटों की बढ़ती संख्या
हरियाणा की सीमा से सटे राजस्थान के गोगामेड़ी में आयोजित पशु मेला इस बार अपनी बढ़ती ऊंटों की संख्या के लिए चर्चा में है। भारत के प्रमुख पशु मेलों में शामिल गोगामेड़ी मेला, जिसमें अन्य पशुओं की तुलना में ऊंटों की संख्या सबसे अधिक होती है, में इस वर्ष पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। एक महीने तक चलने वाले इस मेले में अब तक कुल 3785 ऊंट आ चुके हैं। इनमें से राजस्थान के पालक 3077 ऊंट लेकर आए हैं, जबकि हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर जैसे अन्य राज्यों से 708 ऊंट आए हैं।
ऊंटों की बिक्री और कीमतें
मेले में अब तक 972 ऊंटों की बिक्री हो चुकी है। पिछले साल इसी अवधि में 2644 ऊंट आए थे, जिससे इस वर्ष की बढ़ोतरी को अच्छी खबर माना जा रहा है। सबसे महंगा ऊंट 81,000 रुपये में बिका है, जबकि सबसे सस्ता ऊंट मात्र 9,000 रुपये में बेचा गया है। इस बढ़ती ऊंटों की संख्या से मेला अधिकारियों और पशुपालन विभाग में खुशी की लहर है, जो इस वृद्धि को सकारात्मक संकेत मान रहे हैं।
पशुपालन विभाग की व्यवस्थाएं
गोगामेड़ी मेला में पशुपालन विभाग ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। विभाग की ओर से पशुओं के लिए पेयजल, छाया और नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मेला अधिकारियों ने बताया कि गोगामेड़ी पशु मेले का शुभारंभ राष्ट्रीय ध्वजारोहण के साथ होता है और इसका समापन देवस्थान विभाग द्वारा किया जाता है।
डॉ. हरिश्चंद्र गुप्ता, मेला अधिकारी, ने बताया कि इस वर्ष भी 11 और 12 सितंबर को पशु प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में ऊंटों की दौड़, घुड़ दौड़, भैंस की दूध प्रतियोगिता सहित अन्य कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। प्रतियोगिता में अव्वल रहने वाले पशुपालकों को सम्मानित किया जाएगा, जो मेले की एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
गोगामेड़ी मेला: एक ऐतिहासिक परंपरा
गोगामेड़ी का पशु मेला 1958 से आयोजित किया जा रहा है और यह ऊंटों की बिक्री के लिए खासा प्रसिद्ध है। किसान और व्यापारी जैसे जोरा सिंह, सुल्तान सिंह, महेंद्र सिंह, मनफूल और हरी सिंह ने बताया कि इस मेले में ऊंटों के अलावा बछड़े (बैल) और घोड़े भी बिक्री के लिए आते थे। हालांकि, पिछले 20 वर्षों में ऊंटों की संख्या में वृद्धि हुई है और अब गोगामेड़ी मेला ऊंटों की बिक्री के लिए प्रमुख केंद्र बन चुका है।
गोगामेड़ी मेला की सफलता की ओर
गोगामेड़ी का पशु मेला न केवल राजस्थान और आसपास के राज्यों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इस मेले की बढ़ती ऊंटों की संख्या और सफल आयोजन से साफ है कि यह परंपरा और भी मजबूत हो रही है। पशुपालन विभाग की अच्छी व्यवस्थाएं और आगामी प्रतियोगिताएं इस मेले को और भी आकर्षक बना रही हैं। गोगामेड़ी मेला किसानों, व्यापारियों और पशुपालकों के लिए एक प्रमुख आयोजन बन चुका है, जो हर साल नई उम्मीदों और खुशियों के साथ आता है।