हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : कुमारी सैलजा ने सीएम बनने का दावा ठोका
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। इस चुनावी माहौल में कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश किया है। उनका यह बयान पार्टी की आगामी रणनीति और चुनावी समीकरणों को बदलने की क्षमता रखता है।
कुमारी सैलजा का दावेदारी
कुमारी सैलजा ने कहा, “यह कोई बीता हुआ कल नहीं है, जो लौटकर नहीं आएगा।” उनके इस बयान से स्पष्ट है कि वे अपनी पार्टी की संभावनाओं को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने पर डिप्टी सीएम बनने से स्पष्ट इनकार किया, जो दर्शाता है कि वे सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए हैं।
कांग्रेस में उनकी भूमिका
कुमारी सैलजा ने यह भी बताया कि वे किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का कोई विचार नहीं रखतीं। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके बारे में भ्रम फैला रही है। “मेरे खून में कांग्रेस है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा। यह बयान न केवल उनकी राजनीतिक पहचान को स्पष्ट करता है, बल्कि पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को भी दर्शाता है।
मल्लिकार्जुन खड़गे की रद्द रैली
इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का हरियाणा दौरा अचानक रद्द हो गया है। उन्हें अंबाला और करनाल में रैलियों को संबोधित करना था, जो कि चुनावी प्रचार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा था। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, खड़गे की तबीयत ठीक नहीं है और डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है।
राजनीतिक रणनीति और चुनावी चुनौतियां
हरियाणा में चुनावी माहौल में हलचल है, और कुमारी सैलजा का सीएम बनने का दावा पार्टी के भीतर नए समीकरण स्थापित कर सकता है। कांग्रेस ने पिछले कुछ समय में राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई हैं, जिसमें युवाओं और महिलाओं को आकर्षित करने के लिए खास योजनाएँ शामिल हैं।
कांग्रेस को इस बार अपनी पुरानी खोई हुई जमीन वापस पाने की चुनौती है। बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सैलजा की भूमिका महत्वपूर्ण बन गई है। उन्हें उम्मीद है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो पार्टी न केवल अपनी खोई हुई पहचान वापस पाएगी, बल्कि लोगों का विश्वास भी जीत सकेगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कुमारी सैलजा की सीएम पद के लिए दावेदारी और मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली का रद्द होना, दोनों ही घटनाएँ कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सैलजा की दावेदारी और पार्टी की रणनीतियाँ कितनी प्रभावी होती हैं। कांग्रेस इस बार हरियाणा में एक नई पहचान बनाने के लिए तैयार है, और सैलजा के नेतृत्व में पार्टी अपनी खोई हुई जगह को पुनः स्थापित करने का प्रयास करेगी।
इस राजनीतिक रणभूमि में कौन सी पार्टी जीत हासिल करेगी, यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे, लेकिन सैलजा का यह दावा निश्चित रूप से चर्चा का विषय बन गया है।