चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमले के दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी : विदेश भागने की थी तैयारी

चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमले के दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी : विदेश भागने की थी तैयारी

चंडीगढ़ के कोठी पर हमले में नया मोड़

चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में स्थित कोठी नंबर 575 पर हुए हैंड ग्रेनेड हमले के मामले में पंजाब पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने इस हमले के दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान विशाल के रूप में की गई है, जो अपने साथी की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली भाग गया था। विशाल ने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भागने की योजना बनाई थी, जिसे पुलिस ने समय पर विफल कर दिया।

 

आरोपी की गिरफ्तारी और उसकी योजना

विशाल, जो कि गुरदासपुर के डेराबाबा नानक का निवासी है, को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के दौरान एक पिस्टल भी बरामद की है। आरोपी अपने साथी रोहन मसीह के पकड़े जाने के बाद दिल्ली भाग गया था और वहां से फर्जी पासपोर्ट के माध्यम से विदेश भागने की योजना बना रहा था।

 

इससे पहले, पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने शुक्रवार को इस ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी रोहन मसीह को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। रोहन मसीह के पास से 9 एमएम ग्लॉक पिस्टल बरामद की गई थी। हालांकि, विशाल के पकड़ने के बाद अब पुलिस को यह पता चला है कि वह भी अमृतसर में ही था, लेकिन अपने साथी की गिरफ्तारी के बाद उसने दिल्ली की राह पकड़ी और वहां से विदेश भागने की तैयारी में था।

 

हमले की पृष्ठभूमि और आतंकवादी कनेक्शन

बुधवार शाम को चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में हुए हमले में दो अज्ञात हमलावरों ने एक कोठी पर हैंड ग्रेनेड फेंका था। यह कोठी पूर्व पंजाब पुलिस के रिटायर्ड आईपीएस और पूर्व SSP जसकीरत सिंह चहल के परिवार के लिए किराए पर ली गई थी। ज्ञात हो कि चहल पर इससे पहले भी ISI और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) द्वारा हमला कराने का प्रयास किया गया था।

 

पुलिस का कहना है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और BKI के आतंकवादी हरविंदर रिंदा (Harvinder Rinda) का हाथ है। अमेरिका से गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने इस हमले को अंजाम दिया है। पाकिस्तानी सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए हैंड ग्रेनेड को ड्रोन के जरिए पासिया के गुर्गों तक पहुंचाया गया था।

 

पुलिस की आगे की योजना और मामला

हमले के बाद आरोपी रोहन और विशाल ने पहले अमृतसर की ओर रुख किया और फिर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अलग-अलग रास्ते अपनाए। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने रविवार को इस मामले के पूरी जानकारी देने की बात कही है।

 

इस गिरफ्तारी से यह भी स्पष्ट होता है कि देश के सुरक्षा बल और पुलिस की सतर्कता आतंकवादियों की योजनाओं को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस मामले की पूरी जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद मिलेगी।

 

इस घटना ने यह भी साबित किया है कि आतंकवादी गतिविधियों को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और घरेलू सुरक्षा बलों की सटीक कार्यवाही कितनी आवश्यक है।

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