सिरसा में छात्राओं के लिए आपातकालीन मोबाइल ऐप की जागरूकता अभियान
दुर्गा शक्ति पुलिस टीम की सराहनीय पहल
सिरसा जिले में महिला सुरक्षा को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से दुर्गा शक्ति पुलिस टीम ने एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान के तहत महिला पुलिस कर्मियों ने बस स्टैंड और नेशनल कॉलेज में छात्राओं को आपातकालीन मोबाइल ऐप्स के उपयोग के बारे में जानकारी दी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को सुरक्षित महसूस कराना और उन्हें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना था।
112 इंडिया ऐप: सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण
अभियान के दौरान, महिला थाने से आईं वीरपाल कौर ने छात्राओं को 112 इंडिया ऐप के महत्व और इसके उपयोग के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने छात्राओं को इस ऐप को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करने और इसे सक्रिय करने का तरीका सिखाया। उन्होंने बताया कि 112 इंडिया ऐप एक ऐसा उपकरण है जो आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करता है।
यह ऐप उपयोगकर्ता से फोन नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी मांगता है, और एक बार पंजीकरण हो जाने के बाद, आपातकालीन स्थिति में इसे सक्रिय करना बेहद आसान होता है। फोन छूते ही यह ऐप सक्रिय हो जाता है और बैकअप नंबर 1091 पर कॉल फॉरवर्ड कर देता है, जिससे संबंधित पुलिस थाने को उपयोगकर्ता का स्थान तुरंत पता चल जाता है। इसके बाद पुलिस टीम पीड़ित के पास तेजी से पहुंचती है।
अन्य आपातकालीन सेवाओं की जानकारी
दुर्गा शक्ति टीम ने छात्राओं को 112 इंडिया ऐप के अलावा अन्य महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को दुर्गा शक्ति ऐप, डायल 112, और महिला हेल्पलाइन 1091 के बारे में बताया। इन सेवाओं के माध्यम से किसी भी महिला को आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सकती है।
सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
इस जागरूकता अभियान के जरिए यह स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस प्रकार के अभियानों की आवश्यकता है। महिलाओं और छात्राओं को सुरक्षा के लिए उपलब्ध साधनों के बारे में जानकारी होना जरूरी है, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत और सही कदम उठा सकें।
सिरसा में चलाया गया यह जागरूकता अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं की सुरक्षा के प्रति एक सकारात्मक संदेश देता है। दुर्गा शक्ति पुलिस टीम की यह पहल सराहनीय है, जो न केवल महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती है। भविष्य में भी ऐसे अभियानों की निरंतरता बनाए रखना आवश्यक है, ताकि समाज में हर महिला और लड़की सुरक्षित महसूस कर सके।