केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में हुई बढ़ोतरी: न्यूनतम वेतन ₹15,000 से बढ़कर ₹25,000
केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण घोषणाएं
केंद्र सरकार ने इस वर्ष का बजट प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। बजट में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में न्यूनतम वेतन सीमा ₹15,000 है, जिसे बढ़ाकर ₹25,000 करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है और इससे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा दायरे में वृद्धि की उम्मीद है।
EPF में न्यूनतम वेतन सीमा की बढ़ोतरी
कर्मचारी भविष्य निधि के अंतर्गत न्यूनतम वेतन सीमा में वृद्धि का यह प्रस्ताव पिछले दस वर्षों में पहली बार आया है। इससे पहले, 1 सितंबर 2014 को न्यूनतम वेतन सीमा को ₹6,500 से बढ़ाकर ₹15,000 किया गया था। इस बार, वेतन सीमा को ₹25,000 करने का प्रस्ताव श्रम मंत्रालय ने पेश किया है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा दायरे को और विस्तृत करना है।
EPF और ESIC के बीच वेतन सीमा में सामंजस्य
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में पहले से ही न्यूनतम वेतन सीमा ₹21,000 है, जो 2017 से लागू है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि EPF और ESIC के वेतन सीमा मानक समान हों, सरकार ने इस बजट में एक बड़े ऐलान की संभावना जताई है। इससे दोनों योजनाओं के तहत वेतन सीमा को समन्वयित किया जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
वेतन सीमा वृद्धि का प्रभाव
यदि बजट में प्रस्तावित वेतन सीमा वृद्धि को मंजूरी मिलती है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि का संकेत होगा। इससे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और भविष्य की योजनाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान में EPF खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही वेतन और महंगाई भत्ते का 12-12 प्रतिशत योगदान देते हैं। यदि न्यूनतम वेतन सीमा ₹25,000 हो जाती है, तो प्रत्येक का योगदान ₹3,000 हो जाएगा। इस स्थिति में, नियोक्ता का योगदान ₹2,082.5 पेंशन कोष में और ₹917.5 EPF खाते में जाएगा, जिससे EPF योगदान में ₹1,200 तक की बढ़ोतरी हो जाएगी।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान की प्रक्रिया
कर्मचारी भविष्य निधि खाते में योगदान की प्रक्रिया वर्तमान में इस प्रकार है:
– कर्मचारी का योगदान: वेतन और महंगाई भत्ते का 12%
– नियोक्ता का योगदान: वेतन और महंगाई भत्ते का 12% जिसमें 8.33% पेंशन योजना में और 3.67% EPF खाते में जमा होता है।
केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन सीमा में प्रस्तावित वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उनके आर्थिक सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि उनके भविष्य की योजनाओं में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह कदम EPF और ESIC के बीच वेतन सीमा मानकों में सामंजस्य बनाएगा और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा दायरे को बढ़ाएगा। कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए यह एक अच्छी खबर है, जो उनकी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद करेगी।