हरियाणा एसीबी का बड़ा एक्शन : रिश्वत लेते अधिकारी गिरफ्तार

हरियाणा एसीबी का बड़ा एक्शन : रिश्वत लेते अधिकारी गिरफ्तार

हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़े कार्रवाई करते हुए दो अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह मामला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़ा है, जहां एनफोर्समेंट अधिकारी मुकेश खंडेलवाल और पीएफ विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर निलंजन गुप्ता को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया।

 

मामला क्या है?

शिकायतकर्ता ने एसीबी को सूचित किया कि दोनों अधिकारी उसके विद्यालय से संबंधित पीएफ शिकायत का निपटारा करने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायत के अनुसार, मुकेश खंडेलवाल ने शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की राशि मांगी, ताकि वे उसके मामले को हल कर सकें। इस पर एसीबी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक योजना बनाई और मुकेश खंडेलवाल को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।

 

एसीबी की कार्रवाई

एसीबी की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया। अधिकारियों ने पूरी योजना के तहत मुकेश खंडेलवाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के साथ ही निलंजन गुप्ता की संलिप्तता भी सामने आई, जिसके कारण दोनों के खिलाफ रोहतक में एंटी करप्शन ब्यूरो में मुकदमा दर्ज किया गया।

 

रिश्वतखोरी का जाल

हरियाणा में रिश्वतखोरी की समस्या अब एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। सरकारी कार्यालयों में अक्सर इस प्रकार की शिकायतें सुनने को मिलती हैं। अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार से आम नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एसीबी की यह कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह संकेत देती है कि सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए गंभीर है।

 

आम जनता की अपील

ब्यूरो के प्रवक्ता ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सरकारी कार्य करने के लिए रिश्वत की मांग करता है, तो तुरंत इसकी जानकारी एसीबी के टोल फ्री नंबर – 1800-180-2022 या 1064 पर दें। यह न केवल एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमारी भूमिका है, बल्कि यह समाज में सुधार लाने का एक साधन भी है।

हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सरकार कितनी गंभीर है। हालांकि, नागरिकों की जागरूकता और सक्रियता भी इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रिश्वतखोरी को खत्म करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। एसीबी की कार्रवाई ने एक सकारात्मक संदेश दिया है, कि अगर हम मिलकर काम करें, तो भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है।

इस प्रकार की कार्रवाईयों से ना केवल अधिकारियों में डर का माहौल बनेगा, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी सरकारी संस्थानों पर बढ़ेगा। आगे आने वाले समय में उम्मीद की जाती है कि एसीबी ऐसी ही और भी कार्रवाईयों को अंजाम देगी, जिससे हरियाणा में भ्रष्टाचार की समस्या को खत्म किया जा सके।

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