हरियाणा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई : 26.82 करोड़ रुपये की अवैध शराब जब्त

हरियाणा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई : 26.82 करोड़ रुपये की अवैध शराब जब्त

चुनावी माहौल में सख्ती

हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों ने व्यापक छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। 16 अगस्त से अब तक कुल 26.82 करोड़ रुपये की अवैध शराब, नशीले पदार्थ, नकदी और बहुमूल्य धातुएं जब्त की गई हैं। यह जानकारी प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल ने दी है, जो चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

अवैध शराब की बड़ी मात्रा

पंकज अग्रवाल के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने अन्य एजेंसियों के सहयोग से अब तक 3,26,017 लीटर अवैध शराब जब्त की है, जिसकी कीमत 9.82 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। यह संख्या चुनावी गतिविधियों में अवैध शराब के इस्तेमाल को रोकने के लिए एक स्पष्ट संकेत है। चुनावों के दौरान अक्सर अवैध शराब का वितरण चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, और इसी कारण से पुलिस ने इस पर कड़ी नज़र रखी है।

 

नकदी और नशीले पदार्थों की जब्ती

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि पुलिस ने 4.73 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। इसके अलावा, विभिन्न एजेंसियों ने 6.76 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ भी पकड़े हैं। यह तथ्य यह दर्शाता है कि चुनावों के समय में मादक पदार्थों की तस्करी और वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।

 

मूल्यवान धातुओं की जब्ती

अग्रवाल ने आगे जानकारी दी कि राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों ने 3.10 करोड़ रुपये से अधिक की मूल्यवान धातुएं, जैसे सोना और चांदी, भी जब्त की हैं। यह जब्ती चुनावी प्रक्रिया में धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अवैध संपत्तियों की इस बड़ी मात्रा की जब्ती चुनावी पारदर्शिता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

 

हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनावों के दौरान पुलिस और अन्य एजेंसियों की यह सक्रियता न केवल अवैध गतिविधियों को रोकने में सहायक होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। यह छापेमारी अभियान प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और चुनावी माहौल को साफ-सुथरा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, पुलिस और अन्य एजेंसियों की निगरानी और भी कड़ी होती जाएगी। हरियाणा में यह कदम चुनावों के दौरान सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। अब यह देखना होगा कि इस तरह की कार्रवाइयों से चुनावी प्रक्रिया पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या इससे चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी।

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