पिछले 3 सालों में सबसे सस्ता हुआ कच्चा तेल, जानें डीजल-पेट्रोल के ताजा रेट
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
14 सितंबर 2024 को, कच्चे तेल की कीमतों में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखने को मिली है। हाल के वर्षों में यह सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे वैश्विक बाजार में खलबली मच गई है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें वर्तमान में 72.35 डॉलर प्रति बैरल पर हैं, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमत 69.37 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर है। यह गिरावट कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तीन साल की सबसे बड़ी कमी को दर्शाती है।
वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमत में 16 रुपये की वृद्धि के साथ 5,825 रुपये प्रति बैरल हो गई है, जो बाजार में एक नए बदलाव का संकेत है।
महानगरों में पेट्रोल और डीजल के ताजा रेट
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, भारत के प्रमुख महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं :
शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली 94.72 87.62
मुंबई 104.21 92.15
कोलकाता 103.94 90.76
चेन्नई 100.75 92.32
बेंगलुरु 99.84 85.93
लखनऊ 94.65 87.76
नोएडा 94.83 87.96
गुरुग्राम 95.19 88.05
चंडीगढ़ 94.24 82.40
पटना 105.18 92.04
हाल की कटौती और संभावनाएं
मार्च 2024 में, भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। यह कदम विशेष रूप से लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था, ताकि आम जनता को राहत मिल सके और चुनावी प्रचार को सहारा मिल सके।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नियमित रूप से बदलाव की जानकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) द्वारा प्रदान की जाती है। उपभोक्ता अपनी शहर की कीमतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
– इंडियन ऑयल के लिए : RSP के साथ शहर का कोड 9224992249 पर भेजें।
– BPCL के लिए : RSP लिखकर 9223112222 पर भेजें।
आगे की स्थिति और संभावित प्रभाव
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर सीधा असर पड़ सकता है। यदि कच्चे तेल की कीमतें स्थिर या और कम होती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी की संभावना बढ़ जाएगी। यह उपभोक्ताओं के लिए राहत का संकेत हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्च ईंधन लागत के कारण आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि ईंधन की कीमतों में बदलाव केवल कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर नहीं होता। टैक्स, परिवहन लागत और सरकारी नीतियां भी ईंधन की कीमतों को प्रभावित करती हैं। इसलिए, कीमतों में संभावित कमी की आशा के साथ, यह महत्वपूर्ण होगा कि उपभोक्ता और नीति निर्धारक इन सभी कारकों को ध्यान में रखें।
इस प्रकार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसका वास्तविक लाभ उपभोक्ताओं को तभी मिलेगा जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी पर्याप्त कमी देखी जाएगी।