हरियाणा में निर्दलीय प्रत्याशी को जान से मारने की धमकी: पूरा मामला
जींद जिले में तनावपूर्ण स्थिति
हरियाणा के जींद जिले के उचाना विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी दिलबाग संडील को जान से मारने की धमकी मिलने की खबर ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है। 11 सितंबर को, दिलबाग संडील का रास्ता रोककर बाइक सवार दो युवकों ने उन्हें खुलेआम जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव और चिंता का माहौल बन गया है।
धमकी की घटना का विवरण
धमकी की घटना उस समय घटी जब दिलबाग संडील अपने चुनावी कार्यालय से घर लौट रहे थे। जब वे उचाना के हुडा के जलघर के पास पहुंचे, तो मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक उनकी गाड़ी के सामने आ गए और उसे रोक लिया। युवकों ने दिलबाग संडील से गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कहा और साइड में ले जाकर उन्हें धमकी दी कि वे उचाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव छोड़ दें, वरना उनकी जान ले ली जाएगी।
आरोपी का नाम और पूर्व की धमकी
दिलबाग संडील ने इस घटना के संबंध में एक शिकायत लघु सचिवालय में दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि गांव लुदाना निवासी काला ने उनके खिलाफ बदनाम करने के प्रयास किए हैं। दिलबाग का कहना है कि काला ने गाड़ी के ऊपर लगे लाउडस्पीकर पर उनके खिलाफ गलत शब्दों का प्रयोग किया और उन्हें पैसे ठगने का आरोप लगाया। काला ने पहले भी उन्हें चुनाव न लड़ने की धमकी दी थी, अन्यथा उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने की धमकी दी थी।
पुलिस की कार्रवाई और समर्थन
दिलबाग संडील ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी युवकों की तलाश की जा रही है।
दिलबाग संडील की प्रतिक्रिया
दिलबाग संडील ने आरोप लगाया है कि उन्हें शक है कि युवकों के पास हथियार थे और यह धमकी गांव लुदाना निवासी काला द्वारा दी गई है। उन्होंने कहा कि यह धमकी उनकी चुनावी गतिविधियों को प्रभावित करने और उन्हें चुनाव से बाहर करने की कोशिश हो सकती है। उनका कहना है कि वे इस प्रकार की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और कानून की मदद से न्याय की मांग करेंगे।
चुनावी माहौल में सुरक्षा की आवश्यकता
इस घटना ने उचाना विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। इस प्रकार की धमकियों से न केवल निर्दलीय प्रत्याशियों को बल्कि पूरे चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित किया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि वे इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लें और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखा जा सके।
इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि चुनावी माहौल में सुरक्षा और शांति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उम्मीदवारों और जनता को इस तरह की धमकियों से सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।