हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : बीजेपी और कांग्रेस के टिकट बंटवारे में आई अड़चने

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : बीजेपी और कांग्रेस के टिकट बंटवारे में आई अड़चने

टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में देरी की वजहें

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियाँ जोरों पर हैं, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस की ओर से अब तक उम्मीदवारों की सूची का ऐलान नहीं किया गया है। नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने में केवल दो दिन का समय बचा है, और दोनों प्रमुख दलों के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। यह असमंजस पार्टी नेताओं और संभावित उम्मीदवारों के बीच चिंता का कारण बन गया है।

बीजेपी के टिकट बंटवारे की जटिलताएँ

बीजेपी के टिकट बंटवारे में देरी की प्रमुख वजह पार्टी के नेताओं की बढ़ती मांगें और आंतरिक असंतोष है। हाल ही में हुई एक बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पर चर्चा की। पार्टी के भीतर चल रहे विवादों के कारण टिकट बंटवारे की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए सात सीटें मांगी हैं, जिनमें रेवाड़ी, कोसली, बावल, नारनौल, अटेली, पटौदी और गुरुग्राम शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है और चेतावनी दी है कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिला, तो वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पार्टी नेताओं की इस प्रकार की मांगें और धमकियां बीजेपी के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई हैं, जिसके चलते पार्टी टिकटों की घोषणा में देरी कर रही है।

कांग्रेस की टिकट घोषणा में आ रही समस्याएँ

कांग्रेस की टिकट घोषणा की प्रक्रिया भी सुस्त दिखाई दे रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के अन्य नेता पहले ही यह दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी। हालांकि, राहुल गांधी ने अब सुझाव दिया है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर विचार किया जाए।

राहुल गांधी का मानना है कि एंटी-इन्कंबेंसी की स्थिति को देखते हुए विपक्ष को एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाना चाहिए। यही वजह है कि कांग्रेस ने गठबंधन की संभावनाओं की समीक्षा करने का जिम्मा अपने नेताओं को सौंपा है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है, जिससे कांग्रेस को अपनी उम्मीदवार सूची तैयार करने में समय लग रहा है।

बीजेपी और कांग्रेस की सूची में देरी की संभावित वजहें

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने टिकट बंटवारे की सूची में देरी कर रही हैं। एक मान्यता है कि दोनों दल एक-दूसरे की उम्मीदवार सूची का इंतजार कर रहे हैं। यदि किसी दल के भीतर टिकट न मिलने की वजह से नाराजगी बढ़ती है और नेता दल बदलने की सोचते हैं, तो इसका फायदा दूसरी पार्टी को मिल सकता है।

इस स्थिति के मद्देनजर, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी टिकट सूची को अंतिम रूप देने में सतर्कता बरत रही हैं। चुनावी मैदान में उतरने से पहले उम्मीदवारों की घोषणा और आंतरिक असंतोष को मैनेज करना इन दोनों प्रमुख दलों के लिए एक चुनौती बना हुआ है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में जटिलताओं का सामना कर रही हैं। यह स्थिति आने वाले चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है, और संभावित उम्मीदवारों और पार्टी नेताओं के बीच की अनिश्चितता चुनावी रणनीतियों पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है। आगामी दिनों में उम्मीदवारों की सूची का खुलासा और दलों की रणनीतियों पर ध्यान देना जरूरी होगा, ताकि यह देखा जा सके कि कौन सी पार्टी अपने चुनावी लक्ष्यों को कितनी कुशलता से साध पाती है।
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