हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : भाजपा की रणनीति में बदलाव, कांग्रेस और आप भी हैं सक्रिय
भाजपा ने बदली रणनीति, उत्तरी हरियाणा पर ध्यान
हरियाणा में पिछले एक दशक से भाजपा की सरकार है। 2014 और 2019 में बहुमत के साथ सत्ता में आने के पीछे उत्तरी हरियाणा के आठ जिलों का महत्वपूर्ण समर्थन था। इन जिलों की 31 विधानसभा सीटों में से 16 पर भाजपा का कब्जा रहा है। इन जिलों को भाजपा अपना मजबूत गढ़ मानती है, लेकिन अब 10 साल की सत्ता के बाद भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और उत्तर हरियाणा पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है।
नए सिरे से किलेबंदी
पिछले लोकसभा चुनाव में अंबाला सीट गंवाने के बाद भाजपा की चिंताओं में इजाफा हुआ है। गढ़ को बचाने के लिए पार्टी ने नए सिरे से किलेबंदी की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उत्तर हरियाणा की जीटी बेल्ट से चुनावी शंखनाद करेंगे, जबकि पहले वे रैलियों की शुरुआत अहीरवाल बेल्ट से करते थे। 14 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी कुरुक्षेत्र में एक बड़ी रैली की शुरुआत करेंगे। यह बदलाव भाजपा की नई रणनीति का हिस्सा है, जो उत्तर हरियाणा के जिलों पर फोकस करने का संकेत देता है।
भाजपा का कोर वोटर और नया फोकस
उत्तर हरियाणा के जिलों में जाटों की संख्या कम है, जबकि गैर-जाट मतदाताओं की आबादी अधिक है। यह भाजपा का कोर वोटर है, और पार्टी ने इन जिलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, और सोनीपत जैसे जिलों में भाजपा का लक्ष्य गैर-जाट मतदाताओं के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करना है।
कांग्रेस की सक्रियता
भाजपा की इस नई रणनीति के बीच कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। पार्टी ने अपने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का उद्देश्य भाजपा के गढ़ में सेंध लगाना है और अपने पुराने समर्थकों को पुनः एकजुट करना है। कांग्रेस के प्रमुख नेता राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनसभाओं और रैलियों के माध्यम से अपने मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी का समर्थन
आम आदमी पार्टी (AAP) भी इस चुनावी दंगल में सक्रिय भूमिका निभा रही है। पार्टी ने राज्य में अपने संगठन को मजबूत किया है और अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। भगवंत मान के नेतृत्व में पार्टी ने हरियाणा की राजनीति में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी का प्रयास है कि वह राज्य के विभिन्न हिस्सों में कांग्रेस और भाजपा के वोट बैंक को प्रभावित कर सके।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी में भाजपा ने अपनी रणनीति को बदलते हुए उत्तर हरियाणा पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है। पार्टी की यह नई रणनीति राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकती है। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी अपने-अपने तरीके से चुनावी अभियान को तेज कर रही हैं। इस स्थिति में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी किस तरह से मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर पाती है और चुनावी मैदान में अपनी स्थिति को मजबूत कर पाती है।