हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : गठबंधन की विफलता से कांग्रेस और आप को होने वाले नुकसान की संभावना
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन विफल
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। कांग्रेस से मनचाही सीटें न मिलने के कारण आम आदमी पार्टी ने खुद को स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। परिणामस्वरूप, आम आदमी पार्टी ने 20 घंटे के भीतर अपने 29 उम्मीदवारों की दो सूचियां जारी कर दी हैं। अब, दोनों दल अपने-अपने बल पर चुनाव लड़ेंगे, और इससे गठबंधन की संभावना समाप्त हो गई है।
आम आदमी पार्टी को अधिक नुकसान की आशंका
गठबंधन की विफलता से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों को नुकसान होगा, लेकिन यह नुकसान आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए अधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पिछली विधानसभा चुनावों के आंकड़े इस परिलक्षित करते हैं कि आम आदमी पार्टी को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में, आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी की किस्मत ने उन्हें निराश किया, क्योंकि सभी सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो गई थी। पार्टी को केवल 0.48 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि नोटा (None of the Above) को 0.53 प्रतिशत वोट मिले थे। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी की स्थिति पिछले चुनाव में बेहद कमजोर रही थी।
लोकसभा चुनाव के बाद की स्थिति
लोकसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन का उद्देश्य एक साझा विपक्षी मोर्चा बनाना था, लेकिन परिणामस्वरूप पार्टी को केवल 4 प्रतिशत से भी कम वोट मिले। इसने यह दिखाया कि आम आदमी पार्टी को राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अपना स्थान बनाने में कठिनाई हो रही है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी और रणनीति
आम आदमी पार्टी पिछले एक साल से विधानसभा चुनाव के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। पार्टी ने विशेष रूप से पंजाब और दिल्ली से सटी सीटों पर अपनी रणनीति को केंद्रित किया है, जहां वह अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके बावजूद, कांग्रेस के साथ गठबंधन की विफलता ने पार्टी की स्थिति को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
कांग्रेस और भाजपा के बीच तिकोने मुकाबले की संभावना
अब जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों अलग-अलग चुनावी मैदान में हैं, यह देखना होगा कि क्या यह तिकोना मुकाबला भाजपा को फायदा पहुंचाएगा या नहीं। कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य लड़ाई के बावजूद, आम आदमी पार्टी के मैदान में होने से यह मुकाबला और भी रोचक हो सकता है।
हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी का स्वतंत्र चुनाव लड़ना उसके लिए अधिक चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर जब वह पहले ही कमजोर स्थिति में रही है। इस स्थिति में, आम आदमी पार्टी को अपनी ताकत को साबित करने और मतदाताओं के बीच अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए गठबंधन की विफलता ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए समस्याएं पैदा कर दी हैं। जबकि कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ लड़ाई में नुकसान हो सकता है, आम आदमी पार्टी को इस बार अधिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति और मतदाता समर्थन की जांच इस बात की पुष्टि करेगी कि गठबंधन की विफलता का कितना बड़ा असर होगा।