हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : क्या बीजेपी की हार तय है?
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में एक ही चरण में चुनाव होंगे। पांच अक्टूबर को मतदान होगा और आठ अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस बार हरियाणा में उसकी सत्ता जाने वाली है? हालिया सर्वेक्षणों और राजनीतिक विश्लेषणों के अनुसार, बीजेपी के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण फैक्टर सामने आए हैं, जो उसकी हार का संकेत दे रहे हैं।
एंटी-इनकंबेसी का दबाव
बीजेपी के खिलाफ सबसे बड़ा फैक्टर एंटी-इनकंबेसी है। पिछले दस वर्षों से सत्ता में रहते हुए, बीजेपी पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज किया है। वरिष्ठ टीवी पत्रकार विजय विद्रोही के अनुसार, “बीजेपी इस बार एंटी-इनकंबेसी का शिकार हो सकती है। वोटर बदलाव की मांग कर रहे हैं, जो बीजेपी के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।”
नाराजगी के चार प्रमुख कारण
हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी के चार प्रमुख कारण उभरकर सामने आ रहे हैं :
1. पहलवानों की नाराजगी : बृजभूषण शरण सिंह के विवाद ने पहलवानों के बीच असंतोष पैदा किया है।
2. किसानों की चिंता : एमएसपी और अन्य कृषि मुद्दों पर किसानों का गुस्सा बढ़ा है।
3. नौजवानों की बेरोज़गारी : रोजगार के अवसरों की कमी ने युवाओं को परेशान किया है।
4. जवानों की समस्याएँ : अग्निवीर योजना को लेकर सेना के जवान भी नाराज हैं।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, हरियाणा विधानसभा चुनाव में असली मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा। पिछली बार, 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने 10 में से 5 सीटें गंवाई थीं, जबकि कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस की स्थिति तब से मजबूत हुई है और उसके जीतने की संभावनाएं इस बार अधिक दिखती हैं।
सर्वे और चुनावी परिस्थितियों में बदलाव
2019 में पुलवामा जैसे मुद्दे ने बीजेपी के समर्थन को प्रभावित किया था और उसकी सीटें 47 से घटकर 40 हो गई थीं। वर्तमान में, बीजेपी का वोट शेयर लगातार गिर रहा है और यह आशंका जताई जा रही है कि 2024 में यह और भी घट सकता है। यदि बीजेपी और कांग्रेस के वोट शेयर में 10% का अंतर हुआ, तो बीजेपी की स्थिति बेहद कमजोर हो सकती है।
मोदी ब्रांड की कमजोर होती छवि
ब्रांड मोदी की लोकप्रियता अब पहले जैसी नहीं रही है। ताजा सर्वेक्षणों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता 57% से घटकर 32% पर आ गई है, जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकप्रियता 15% से बढ़कर 30% हो गई है। यह बदलाव कांग्रेस के पक्ष में जनाधार को संकेत करता है।
सीएम बदलने की रणनीति
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को गद्दी पर बैठाना बीजेपी की एंटी-इनकंबेसी से निपटने की रणनीति का हिस्सा है। लेकिन, इस बदलाव को लेकर बीजेपी के अंदरूनी असंतोष और कांग्रेस की मजबूत होती स्थिति बीजेपी की मुश्किलों को और बढ़ा सकते हैं।
कांग्रेस की मजबूत होती स्थिति
कांग्रेस ने इस बार सीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जिससे पार्टी में गुटबाजी कम हुई है। कांग्रेस ने असंतुष्टों को मनाने की कोशिश की है, जिससे पार्टी की स्थिति में सुधार हुआ है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। एंटी-इनकंबेसी, नाराजगी के प्रमुख कारण, कमजोर ब्रांड मोदी और कांग्रेस की मजबूत होती स्थिति बीजेपी की हार की संभावना को बढ़ा सकते हैं। चुनाव परिणामों के लिए 8 अक्टूबर का इंतजार करना होगा, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बीजेपी को हरियाणा में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।