हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : हिसार सीट पर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाली देश की सबसे अमीर महिला, सावित्री जिंदल

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : हिसार सीट पर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाली देश की सबसे अमीर महिला, सावित्री जिंदल

सावित्री जिंदल का निर्दलीय नामांकन

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में हिसार सीट पर एक महत्वपूर्ण चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है। देश की सबसे अमीर महिला, सावित्री जिंदल ने गुरुवार को हिसार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। सावित्री जिंदल, जो कि देश के प्रमुख उद्योगपति दिवंगत ओपी जिंदल की पत्नी और बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां हैं, का मुकाबला बीजेपी के मंत्री और मौजूदा विधायक कमल गुप्ता से होगा।

 

सावित्री जिंदल को फोर्ब्स इंडिया द्वारा इस साल देश की सबसे अमीर महिला के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिनकी कुल संपत्ति 29.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। उनके निर्दलीय नामांकन ने चुनावी मैदान में एक नया मोड़ ला दिया है, जिससे हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है।

 

हिसार के विकास और बदलाव का संकल्प

नामांकन दाखिल करने के बाद, सावित्री जिंदल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने हिसार के विकास और बदलाव के लिए यहां की सेवा करने का संकल्प लिया है। हिसार के लोग मेरे परिवार हैं और ओम प्रकाश जिंदल ने इस परिवार के साथ मेरा रिश्ता स्थापित किया था।” उन्होंने यह भी कहा कि, “जिंदल परिवार ने हमेशा हिसार की सेवा की है। मैं लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और उनका विश्वास बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित हूं।”

 

सावित्री जिंदल की यह घोषणा स्थानीय राजनीति में उनके व्यापक प्रभाव और लंबे समय से चल रही सामाजिक सेवा की ओर इशारा करती है। उनके द्वारा किए गए विकासात्मक काम और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बना दिया है।

 

बीजेपी के खिलाफ विद्रोह या आत्मनिर्भरता?

जब पत्रकारों ने सावित्री जिंदल से पूछा कि क्या बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ना उनके लिए एक विद्रोह है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किसी भी तरह का विद्रोह नहीं है। सावित्री जिंदल ने कहा, “मैंने केवल अपने बेटे (लोकसभा में नवीन जिंदल) के लिए प्रचार किया था। मैंने बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है।” इस बयान ने उनके राजनीतिक उद्देश्य और दृष्टिकोण को स्पष्ट किया, यह बताते हुए कि उनका लक्ष्य केवल क्षेत्रीय सेवा और विकास है, न कि पार्टी राजनीति का हिस्सा बनना।

 

पूर्व कांग्रेस विधायक और बीजेपी में शामिल होने की पृष्ठभूमि

सावित्री जिंदल ने पहले कांग्रेस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वह 2005 और 2009 में हिसार से कांग्रेस विधायक चुनी गईं थीं। हाल ही में मार्च 2024 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गईं थीं। उनके बेटे नवीन जिंदल बीजेपी में पहले से ही एक महत्वपूर्ण स्थान पर हैं। हालांकि, अब सावित्री जिंदल ने बीजेपी से अलग होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।

 

चुनावी मुकाबला और भविष्य की चुनौतियाँ

हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन बीजेपी के लिए एक चुनौती पेश कर सकता है। कमल गुप्ता, जो कि बीजेपी के मंत्री और मौजूदा विधायक हैं, का मुकाबला सावित्री जिंदल से होना निश्चित रूप से एक दिलचस्प और कड़ा चुनावी युद्ध होगा। सावित्री जिंदल की धनी पृष्ठभूमि, राजनीतिक अनुभव, और क्षेत्रीय सेवा की पृष्ठभूमि उनके लिए एक महत्वपूर्ण ताकत साबित हो सकती है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सावित्री जिंदल अपने निर्दलीय अभियान में कामयाबी हासिल कर पाएंगी और हिसार की जनता के बीच अपनी जगह बना पाएंगी। इस चुनावी मुकाबले ने हरियाणा की राजनीति में एक नया उत्साह और प्रतिस्पर्धा पैदा कर दी है।

 

 

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