हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : क्या बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार झंडे गाड़ पाएंगे?

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 : क्या बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार झंडे गाड़ पाएंगे?

हरियाणा में मुस्लिम उम्मीदवारों की चुनौती

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बार अपने चुनावी रण में दो मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। यह कदम बीजेपी की रणनीति को दर्शाता है, जहां पार्टी मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने के प्रयास में है। इस लेख में हम यह जानेंगे कि पिछली बार के चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन कैसा रहा और इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।

 

पिछली बार का प्रदर्शन

हरियाणा में पिछले पांच विधानसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने केवल सात मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका। हालांकि, इन मुस्लिम प्रत्याशियों ने दक्षिण हरियाणा के मुस्लिम बहुल क्षेत्र मेवात में अच्छा प्रदर्शन किया था, जहां पर पहले चुनाव लड़ चुके हिंदू प्रत्याशियों से उनका प्रदर्शन बेहतर था। इस वजह से बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा, जो पार्टी की नई रणनीति को दर्शाता है।

 

इस बार के मुस्लिम उम्मीदवार

आगामी चुनावों में बीजेपी ने फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद और पुनहाना से मुहम्मद एजाज खान को टिकट दिया है। इन दोनों क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता काफी संख्या में हैं :

– नसीम अहमद : फिरोजपुर झिरका में 80% से ज्यादा मतदाता मुस्लिम हैं।

– मुहम्मद एजाज खान : पुनहाना में 88% मतदाता मुस्लिम हैं।

 

ये दोनों विधानसभा क्षेत्र मेवात के मुस्लिम बहुल नूंह जिले के अंतर्गत आते हैं। बीजेपी का यह कदम दिखाता है कि पार्टी मुस्लिम समुदाय के वोट को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है।

 

चुनावी विश्लेषण

हरियाणा के 2009 और 2014 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है :

– 2009 में : पुनहाना में बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार को केवल 1.03% वोट मिले थे।

2014 में : एक अन्य मुस्लिम उम्मीदवार ने बीजेपी के वोट शेयर को 21.67% तक बढ़ाया था, लेकिन यह भी जीत के लिए पर्याप्त नहीं था।

 

2019 में, बीजेपी ने हिंदू उम्मीदवार को मैदान में उतारा था और पार्टी का वोट शेयर 17.65% तक गिर गया था। इस बार पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इसका असर बीजेपी के वोट शेयर पर पड़ता है।

नतीजों की संभावना

हालांकि, बीजेपी ने इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर एक नई रणनीति अपनाई है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह रणनीति सफल होगी? पार्टी के अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष का कहना है कि पहले पार्टी के उम्मीदवार इनेलो से जुड़े हुए थे, लेकिन अब वे बीजेपी के करीब आ रहे हैं। यह बदलाव आगामी चुनाव में कितना असर डालेगा, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों की भागीदारी पार्टी की नई रणनीति का हिस्सा है। जबकि पिछले चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा, इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि मुस्लिम वोटरों का समर्थन उसे महत्वपूर्ण लाभ दे सकता है। चुनावी परिणाम यह स्पष्ट करेंगे कि बीजेपी की इस नई रणनीति का असर कितना बड़ा होगा और क्या पार्टी को इस बार मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सफलता मिलेगी।

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