हरियाणा विधानसभा चुनाव : भाजपा और कांग्रेस ने उतारे 70-70 करोड़पति उम्मीदवार, अमीर प्रत्याशियों की सूची में शीर्ष पर रोहताश खटाना और कैप्टन अभिमन्यु
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की गहमा-गहमी बढ़ गई है। 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा, और 12 सितंबर को सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल कर दिए हैं। इस बार की चुनावी लड़ाई में एक दिलचस्प पहलू सामने आया है—भाजपा और कांग्रेस ने इस बार 70-70 करोड़पति उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं।
कांग्रेस और भाजपा के करोड़पति उम्मीदवार
एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने पार्टी के टिकट पर करोड़पति उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस के उम्मीदवारों में सबसे अमीर नाम रोहताश खटाना का है, जो सोहना विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। रोहताश खटाना ने अपने चुनावी हलफनामे में कुल 485 करोड़ रुपये की संपत्ति दर्शाई है, जो उन्हें इस चुनावी सीजन के सबसे अमीर उम्मीदवारों में शुमार करती है।
वहीं, भाजपा के नारनौंद विधानसभा से उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु हैं, जिनकी कुल संपत्ति 321 करोड़ रुपये बताई गई है। इसके साथ ही, कंपनियों में हिस्सेदारी के कारण उनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। इस प्रकार, भाजपा के प्रत्याशी भी चुनावी दौड़ में अमीर उम्मीदवारों के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
निर्दलीय उम्मीदवार की संपत्ति
दिलचस्प बात यह है कि निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल ने भी चुनावी मैदान में दस्तक दी है। हिसार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरीं सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला उम्मीदवार के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने अपने नामांकन के दौरान जो चुनावी हलफनामा जमा कराया है, उसमें कुल 270 करोड़ रुपये की संपत्ति दर्शाई है।
2019 के चुनावों के मुकाबले
साल 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में, इस बार भाजपा और कांग्रेस ने समान संख्या में करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं। 2019 में कांग्रेस ने 78 करोड़पति उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जबकि भाजपा ने 79 करोड़पति उम्मीदवारों को अपना प्रत्याशी बनाया था। कुल मिलाकर, 84 विधायक करोड़पति थे, जिनमें कांग्रेस के 27 और भाजपा के 38 उम्मीदवार शामिल थे। 2019 में कुल 118 प्रत्याशी दागी थे, जिनमें से केवल 12 प्रत्याशी ही चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार करोड़पति उम्मीदवारों की अधिक संख्या ने चुनावी परिदृश्य को काफी हद तक प्रभावित किया है। यह तथ्य राजनीतिक विश्लेषकों और मतदाताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमीर उम्मीदवारों की संख्या से चुनावी रणनीतियों और मतदाताओं की प्राथमिकताओं पर असर पड़ सकता है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने दल के भीतर सबसे अमीर प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारकर यह संकेत दिया है कि वे चुनावी सफलता के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये करोड़पति उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में किस हद तक मतदाताओं को आकर्षित करने में सफल होते हैं और चुनावी नतीजे उनके धन-सम्पत्ति से कैसे प्रभावित होते हैं।