हरियाणा विधानसभा चुनाव : बीजेपी और कांग्रेस ने बागी नेताओं को मनाकर 35 सीटों पर काटे वोट
चुनावी मैदान में बागी नेताओं की संख्या घटाई
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और कांग्रेस ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन, दोनों प्रमुख दलों ने अपने बागी नेताओं को मनाने में सफलता प्राप्त की। इस प्रक्रिया के दौरान कुल 190 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए, जिससे चुनावी मैदान में केवल 1,031 प्रत्याशी रह गए हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने बागी नेताओं की संख्या को कम करने में कामयाबी प्राप्त की है, जिससे चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं को कैसे मनाया
कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं को मनाने के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाए। यहां उन बागी नेताओं की सूची दी गई है, जिन्होंने कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी को दोबारा स्थापित किया :
1. भिवानी विधानसभा सीट
– रामकिशन फौजी : कांग्रेस के बागी रामकिशन फौजी ने अपना नामांकन वापस ले लिया और कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप नरवाल को समर्थन देने का ऐलान किया।
2. अंबाला विधानसभा सीट
– जसबीर मलौर और निर्मल सिंह : सांसद दीपेंद्र हुड्डा के प्रयासों के बाद, इन बागी नेताओं ने अपना नामांकन वापस ले लिया और कांग्रेस का समर्थन किया।
3. शाहबाद
– प्रेम हिंगाखेड़ी : कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता प्रेम हिंगाखेड़ी ने अपना नामांकन वापस ले लिया और कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार करने का वादा किया।
4. पंचकूला
– गुरजंत सिंह पोला : निर्दलीय उम्मीदवार गुरजंत सिंह पोला ने अपना नामांकन वापस ले लिया और कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन बिश्नोई को समर्थन देने का निर्णय लिया।
5. नलवा
– संपत सिंह : पूर्व मंत्री संपत सिंह ने अपना नामांकन वापस लिया और कांग्रेस के लिए प्रचार करने का आश्वासन दिया।
6. अंबाला सिटी
– हिम्मत सिंह : पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को टिकट मिलने से नाराज हिम्मत सिंह ने नामांकन वापस ले लिया और अब निर्मल सिंह के लिए प्रचार करेंगे।
7. पटौदी
– सुधीर चौधरी : कांग्रेस नेता सुधीर चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया।
बीजेपी ने अपने बागी नेताओं को कैसे मनाया
बीजेपी ने भी अपने बागी नेताओं को मनाने के लिए कई प्रयास किए। यहां उन बागी नेताओं की सूची है जिन्होंने बीजेपी के प्रति अपनी वफादारी को पुनः स्थापित किया:
1. सोनीपत
– कविता जैन और राजीव जैन : सीएम नायब सैनी ने इन बागी नेताओं को मनाने में सफलता प्राप्त की, जिसके बाद राजीव जैन ने अपना नामांकन वापस ले लिया।
2. नारनौल
– भारती सैनी और शिवकुमार : बीजेपी से जुड़े इन नेताओं ने भी निर्दलीय नामांकन वापस ले लिया है।
3. अटेली
– संतोष यादव : पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने निर्दलीय फॉर्म भरा था, लेकिन अब उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
4. महेंद्रगढ़
– रामबिलास शर्मा : सीएम नायब सैनी ने रामबिलास शर्मा को मनाने में सफलता प्राप्त की, जिससे उनकी नाराजगी दूर हो गई।
5. नांगल चौधरी
– सतीश सैनी : निर्दलीय उम्मीदवार सतीश सैनी ने नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी उम्मीदवार अभय सिंह यादव को समर्थन देने का निर्णय लिया।
6. हेमंत शर्मा
– हेमंत शर्मा : निर्दलीय नामांकन करने वाले हेमंत शर्मा ने अपना फॉर्म वापस ले लिया और बीजेपी उम्मीदवार आरती राव को समर्थन दिया।
7. इंदी
– राजकुमार सैनी : लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार सैनी ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है।
कुल मिलाकर बागी नेताओं का प्रभाव
बीजेपी और कांग्रेस ने कुल 49 बागी नेताओं को मनाने में सफलता प्राप्त की, जिन्होंने 35 सीटों पर चुनावी मुकाबले को प्रभावित किया। इन बागी नेताओं के नामांकन वापस लेने से दोनों दलों को चुनावी लाभ मिलने की संभावना है, क्योंकि बागी उम्मीदवार अब पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन देंगे। इससे चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे और पार्टी के लिए संभावित जीत के रास्ते खुलेंगे।
इस चुनावी परिदृश्य में, बीजेपी और कांग्रेस दोनों को अपने समर्थकों और बागी नेताओं की संतुष्टि को बनाए रखने की चुनौती का सामना करना होगा। चुनावी रणनीति और बागी नेताओं की स्थिति पर लगातार नजर रखनी होगी ताकि चुनावी सफलता सुनिश्चित की जा सके।