हरियाणा विधानसभा चुनाव : कांग्रेस के बागी नेताओं की पूरी लिस्ट, 20 सीटों पर 29 निर्दलीय उम्मीदवार
कांग्रेस के बागी नेताओं का चुनावी मैदान में उतरना
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के लिए एक नया संकट उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने बागी रुख अपनाया है और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के 20 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 29 बागी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने इन बागी नेताओं को मनाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद ये नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अड़े रहे हैं। अब ये बागी नेता कांग्रेस के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देंगे।
बागी नेताओं की लिस्ट और उनके विधानसभा क्षेत्र
हरियाणा में कांग्रेस के बागी नेताओं की पूरी सूची निम्नलिखित है, जिनका चुनावी मैदान में उतरना कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है:
1. पूंडरी विधानसभा सीट
– रणधीर गोलन
– सज्जन डुल
– सतबीर भाणा
– सुनीता बात्तान
2. अम्बाला कैंट विधानसभा सीट
– चित्रा सरवारा
3. बल्लभगढ़ विधानसभा सीट
– शारदा राठौर
4. तिगांव विधानसभा सीट
– ललित नागर
5. बवानीखेड़ा विधानसभा सीट
– सतबीर रतेरा
6. बरोदा विधानसभा सीट
– कपूर नरवाल
7. भिवानी विधानसभा सीट
– अभिजीत
– नीलम अग्रवाल
8. पानीपत शहरी विधानसभा सीट
– रोहिता रेवड़ी
9. पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट
– विजय जैन
10. बरवाला विधानसभा सीट
– संजना सातरोड
11. बहादुरगढ़ विधानसभा सीट
– राजेश जून
12. उचाना कलां विधानसभा सीट
– वीरेंद्र घोघड़िया
– दिलबाग संडील
13. जींद विधानसभा सीट
– प्रदीप गिल
14. झज्जर विधानसभा सीट
– संजीत
15. गोहाना विधानसभा सीट
– हर्ष छिक्कारा
16. गुहला विधानसभा सीट
– दिल्लूराम
– नरेश ढांडे
17. कलायत विधानसभा सीट
– सतविंद्र
– अनीता बुल
– दीपक
– सुमित
18. कोसली विधानसभा सीट
– मनोज
19. पटौदी विधानसभा सीट
– सुधीर चौधरी
20. पृथला विधानसभा सीट
– नीतू मान
कांग्रेस की स्थिति और चुनौतियाँ
कांग्रेस पार्टी ने इन बागी नेताओं को मनाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन इन नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। यह स्थिति कांग्रेस के लिए चुनावी दृष्टिकोण से कठिनाई उत्पन्न कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बागी नेताओं की मजबूत पकड़ है। इन बागी नेताओं के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस को न केवल अपने मौजूदा वोटबैंक को बचाने की चुनौती है, बल्कि पार्टी को बागी नेताओं के समर्थकों को भी संभालना पड़ेगा।
बागी नेताओं की रणनीति
इन बागी नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ अपना मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है, जिससे कांग्रेस के लिए इन क्षेत्रों में चुनावी संघर्ष बढ़ सकता है। बागी नेताओं का चुनावी प्रचार और उनकी राजनीतिक रणनीति कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत कर सकती है। कांग्रेस को इन बागी नेताओं के खिलाफ ठोस प्रचार रणनीति तैयार करनी होगी और बागी नेताओं के समर्थकों को संतुष्ट करने की कोशिश करनी होगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी नेताओं का निर्दलीय चुनाव लड़ना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। ये बागी नेता कांग्रेस के उम्मीदवारों को कठिन मुकाबला देने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति को पुनः व्यवस्थित करने की आवश्यकता होगी ताकि वह अपने राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सके और चुनावी सफलता सुनिश्चित कर सके। पार्टी को इन बागी नेताओं के प्रभाव को कम करने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे ताकि वे अपनी स्थिति को बनाए रख सकें।