हरियाणा विधानसभा चुनाव : राव इंद्रजीत सिंह का सीएम बनने का इरादा

हरियाणा विधानसभा चुनाव : राव इंद्रजीत सिंह का सीएम बनने का इरादा

चुनावी जनसभा में उठे सवाल

हरियाणा के बावल विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम बनने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने मंच से कहा, “12 साल में तो कुरड़ी का भी नंबर आ जाता है,” जो उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देता है। यह टिप्पणी स्थानीय कहावत के संदर्भ में थी, जिसका अर्थ है कि समय के साथ सभी को अपनी पहचान बनाने का मौका मिलता है।

 

राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक यात्रा

राव इंद्रजीत सिंह का राजनीतिक करियर लंबे समय से बीजेपी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने 10 वर्षों तक बीजेपी की सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके अनुसार, “हम कुरड़ी से भी गए-गुजरे (बुरे) तो नहीं हैं,” जिससे स्पष्ट होता है कि वे अपने राजनीतिक अनुभव का जिक्र कर रहे हैं। उनके इस बयान में आत्मविश्वास और आशावाद का मिश्रण दिखाई देता है, जो आगामी चुनावों में उनकी संभावनाओं को लेकर दर्शाता है।

 

दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी की स्थिति

संसदीय चुनावों के संदर्भ में, राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उन्हें हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से रिपोर्ट्स मिल रही हैं, जो दिखाती हैं कि इस बार दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी को भिवानी से लेकर फरीदाबाद तक 14-15 सीटों पर बढ़त मिली है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पहले कभी बीजेपी को इतनी सीटों पर बढ़त नहीं मिली थी। यह स्थिति न केवल बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है, बल्कि राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक स्थिति को भी मजबूत करती है।

 

चुनावी समीकरण और संभावनाएं

राव इंद्रजीत सिंह ने 2019 के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें उस समय 70 हजार से ज्यादा वोटों की लीड मिली थी, लेकिन इस बार यह संख्या घटकर केवल 22 हजार रह गई। उनका यह बयान चुनावी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है, जिसका समाधान निकालने की आवश्यकता पर जोर देता है। उनका मानना है कि इस बार गड़बड़ नहीं होनी चाहिए, जो कि पार्टी के लिए चिंताजनक स्थिति हो सकती है।

 

राव इंद्रजीत सिंह की यह जनसभा इस बात का संकेत है कि वह सीएम बनने की अपनी इच्छाओं को खुलकर जाहिर कर रहे हैं। उनकी बातों में आत्मविश्वास और प्रदेश के राजनीतिक माहौल को लेकर एक सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाई देता है। आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी यह घोषणा न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। चुनावी मैदान में उनकी रणनीति और भाजपा की चुनावी स्थिति के बीच तालमेल ही यह तय करेगा कि क्या राव इंद्रजीत सिंह का सपना पूरा हो पाएगा या नहीं।

 

हरियाणा में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। राव इंद्रजीत सिंह की सक्रियता और उनकी रणनीतियों के चलते आगामी चुनावों में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। अब देखना यह है कि क्या वे अपनी उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे और हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा दे पाएंगे।

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