प्याज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि : दिल्ली में 58 रुपये प्रति किलो, जानें वजह और सरकारी प्रयास

प्याज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि : दिल्ली में 58 रुपये प्रति किलो, जानें वजह और सरकारी प्रयास

प्याज की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि

15 सितंबर 2024 तक, दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 58 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुकी है, जो पिछले 20 दिनों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाती है। पूरे भारत में, प्याज की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इस तेजी ने आम आदमी के बजट पर भारी असर डाला है, और महंगाई ने घरेलू बजट को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

 

प्याज की कीमतों में वृद्धि के कारण

प्याज की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण सप्लाई चेन में बाधाएं और मांग में वृद्धि मानी जा रही हैं। हालिया बारिश और मौसमी स्थितियों ने प्याज की आपूर्ति को प्रभावित किया है, जिसके चलते कीमतों में उछाल आया है। इसके अलावा, प्याज की खपत में भी वृद्धि हुई है, जिसने कीमतों को और अधिक बढ़ा दिया है।

 

सरकारी प्रयास और स्थिति

5 सितंबर 2024 से, केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो तय की है ताकि आम जनता को राहत मिल सके। इसके बावजूद, बाजार में प्याज की कीमतें नियंत्रित नहीं हो पा रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एनसीसीएफ (National Cooperative Consumers’ Federation of India Limited) और नेफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) के पास 4.7 लाख टन प्याज का भंडारण है। इसके अलावा, किसानों और व्यापारियों के पास लगभग 38 लाख टन प्याज का स्टॉक उपलब्ध है।

 

उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 49.98 रुपये प्रति किलो है। हालांकि, मॉडल कीमत 50 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है, जबकि प्याज की न्यूनतम कीमत 27 रुपये प्रति किलो है और अधिकतम कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। प्याज की कीमतों में इस तेजी ने घरेलू बाजार में हलचल मचा दी है और हर वर्ग के लोग इससे परेशान हैं।

 

भविष्य में प्याज की स्थिति

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों में सुधार की संभावना है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि खरीफ (ग्रीष्म) की फसल के लिए 2.9 लाख हेक्टेयर में प्याज की बुआई की जा चुकी है। पिछले साल की तुलना में इस बार प्याज की खेती 1.94 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गई है, जिससे प्याज की सप्लाई में सुधार होने की उम्मीद है।

 

महंगाई पर निगरानी

सरकार ने देशभर में 550 बाजार केंद्रों से 22 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की निगरानी शुरू कर दी है, जिसमें प्याज, टमाटर, आलू और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 1 अगस्त 2024 से, सरकार ने 16 और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की दैनिक थोक और रिटेल कीमतों का संग्रह और निगरानी शुरू की है, ताकि महंगाई को नियंत्रित किया जा सके।

सरकार का अगला कदम

सरकार के पास फिलहाल प्याज की पर्याप्त मात्रा में भंडारण है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में कीमतों में कमी आएगी। हालांकि, सप्लाई चेन को मजबूत करने और मांग-आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने के लिए सरकार को और भी कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए सप्लाई चेन में सुधार किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

 

इस प्रकार, प्याज की कीमतों में वृद्धि ने घरेलू बाजार में हलचल मचा दी है, और इसका समाधान केवल सरकारी प्रयासों और सप्लाई चेन में सुधार के माध्यम से ही संभव है।

Leave a Comment