ओटीपी संकट: 1 नवंबर से लागू होंगे नए TRAI नियम, टेलीकॉम कंपनियों ने बताया कारण

 

TRAI के नए नियमों का प्रभाव

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा लागू किए गए नए नियमों के तहत, 1 नवंबर से ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) सहित कई महत्वपूर्ण संदेशों के प्रसारण पर असर पड़ सकता है। TRAI के निर्देशों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों को उन संदेशों को ब्लॉक करना होगा जिनमें अनियमित भेजने की श्रृंखला होती है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी और स्कैम को रोकना है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को ओटीपी और अन्य आवश्यक अलर्ट प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।

स्कैम के बढ़ते मामलों की चिंता

हाल के वर्षों में भारत में स्कैम के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकार, टेलीकॉम कंपनियां और आम नागरिक सभी इससे परेशान हैं। इन स्कैम से बचने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन समाधान प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं। TRAI का यह नया नियम एक ऐसी प्रणाली के रूप में देखा जा रहा है, जो फर्जी संदेशों और धोखाधड़ी के मामलों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

टेलीकॉम कंपनियों की चिंताएँ

हाल ही में, प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों जैसे जिओ, वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने TRAI के नए नियमों के खिलाफ चिंता जताई है। इन कंपनियों का कहना है कि इस नए नियम के लागू होने से न केवल ओटीपी, बल्कि अन्य ट्रांजैक्शनल और सर्विस मैसेज भी प्रभावित हो सकते हैं। TRAI ने अगस्त 2023 में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा भेजे गए संदेशों की ट्रैकिंग का निर्देश दिया था, लेकिन अब जब नियम लागू होने की समयसीमा निकट है, तो कंपनियां अनुपालन के लिए तैयार नहीं हैं।

अनुपालन में देरी और अतिरिक्त समय की मांग

टेलीकॉम कंपनियों और प्रमुख संस्थाओं (PEs) ने TRAI से अनुरोध किया है कि उन्हें अपने सिस्टम को अपडेट करने के लिए अतिरिक्त 2 महीने का समय दिया जाए। इस विस्तार से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ओटीपी और अन्य ट्रांजैक्शनल संदेशों में अवरोध न आए, जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स रोकथाम प्रणाली

इस बीच, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक नई प्रणाली की घोषणा की है, जो अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स को रोकने के लिए बनाई गई है। यह प्रणाली भारतीय उपभोक्ताओं को उन धोखाधड़ी कॉल्स से बचाने में मदद करेगी, जिनमें विदेशी नंबरों को भारतीय नंबर (+91) के रूप में दिखाया जाता है। साइबर अपराधियों द्वारा इस तकनीक का उपयोग करके सरकार के अधिकारियों के रूप में खुद को पेश कर लोगों को डराने-धमकाने की घटनाएँ बढ़ी हैं।

उपभोक्ताओं के लिए क्या मायने रखता है?

इन नए नियमों और प्रणालियों का प्रभाव सीधे तौर पर उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। 1 नवंबर से लागू होने वाले TRAI के नए नियमों के चलते यदि ओटीपी और अन्य आवश्यक संदेशों में रुकावट आती है, तो इसका सीधा असर ऑनलाइन लेनदेन, बैंकिंग सेवाओं और ई-कॉमर्स पर पड़ेगा। उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समय-समय पर अपने महत्वपूर्ण संदेशों की ट्रैकिंग करें और किसी भी अनियमितता के लिए सतर्क रहें।

 

TRAI द्वारा लागू किए गए नए नियमों का उद्देश्य धोखाधड़ी को कम करना है, लेकिन इसका प्रभाव उपभोक्ताओं की दैनिक गतिविधियों पर भी पड़ सकता है। टेलीकॉम कंपनियों की चिंताएँ और अनुपालन में देरी के चलते यह आवश्यक है कि सभी हितधारक मिलकर एक प्रभावी समाधान निकालें। नए नियमों और प्रणालियों का सही तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित करके ही हम स्कैम के मामलों को नियंत्रित कर सकते हैं और उपभोक्ताओं को सुरक्षित रख सकते हैं।

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