हरियाणा के सोनीपत में राजीव जैन का निर्दलीय चुनाव लड़ने से इंकार : सीएम सैनी से मुलाकात के बाद बदला निर्णय

हरियाणा के सोनीपत में राजीव जैन का निर्दलीय चुनाव लड़ने से इंकार : सीएम सैनी से मुलाकात के बाद बदला निर्णय

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मध्यस्थता से बदला राजीव जैन का रुख

हरियाणा के सोनीपत विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लेने वाले राजीव जैन ने सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात के बाद अपने फैसले पर पुनर्विचार किया है। इस मुलाकात के बाद जैन ने अपने निर्दलीय चुनावी अभियान को छोड़ने का निर्णय लिया और आगामी चुनाव में पार्टी के लिए काम करने का फैसला किया है। इस महत्वपूर्ण विकास ने सोनीपत क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य को एक नई दिशा दी है।

 

राजीव जैन की नाराजगी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय

राजीव जैन, जो पहले हरियाणा भाजपा के एक प्रमुख नेता रह चुके हैं, ने हाल ही में बीजेपी से टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई थी। टिकट की अनुपलब्धता के कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। उनका यह कदम पार्टी के भीतर असंतोष की ओर इशारा कर रहा था और इसने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी थी।

 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा नेताओं की भूमिका

राजीव जैन के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इस स्थिति को संजीवनी देने के प्रयास किए। सोमवार को हुई बैठक में सैनी और बड़ौली ने जैन को पार्टी के प्रति उनकी वफादारी और आगामी चुनाव में भाजपा के लिए उनके योगदान की याद दिलाई।

 

सैनी और बड़ौली ने जैन को विश्वास दिलाया कि पार्टी उनकी काबिलियत और अनुभव को सही तरीके से मान्यता देगी और उन्हें उचित स्थान पर उम्मीदवार बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इस बातचीत के बाद जैन ने अपने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने की योजना को वापस ले लिया।

 

नामांकन वापस लेने का निर्णय और राजनीतिक प्रभाव

इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद, राजीव जैन के निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना में बदलाव आना, सोनीपत क्षेत्र में भाजपा के लिए राहत का संकेत है। आज नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है, और यह उम्मीद की जा रही है कि जैन जल्द ही अपना नामांकन वापस ले लेंगे।

 

इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा में अंतर्कलह के बावजूद, पार्टी नेतृत्व की मध्यस्थता और व्यक्तिगत संवाद के माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। राजीव जैन का भाजपा के साथ बने रहना, पार्टी की एकता को बनाए रखने में मददगार साबित होगा और सोनीपत के चुनावी समीकरण को भी प्रभावित करेगा।

 

हरियाणा के सोनीपत क्षेत्र में राजीव जैन का निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय और उसके बाद सीएम नायब सिंह सैनी के साथ मुलाकात के बाद आया बदलाव, राजनीति में संवाद और मध्यस्थता की महत्वता को दर्शाता है। यह घटनाक्रम न केवल भाजपा की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करता है बल्कि सोनीपत की चुनावी दिशा को भी पुनर्परिभाषित कर सकता है। इस स्थिति का आगामी चुनावी परिणाम पर भी गहरा असर पड़ सकता है।

Leave a Comment