Sirsa Breaking News : किसानों ने नहरी विभाग के अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप
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ओढां के किसानों का शपथ पत्र के माध्यम से खुलासा
ओढां। सिरसा जिले के गांव ओढां में किसानों ने नहरी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का आरोप है कि विभाग के जेई और बेलदार ने मोघा बड़ा करने के नाम पर उनसे अवैध रूप से पैसे मांगने की कोशिश की। इस मामले को लेकर किसानों ने शपथ पत्र के माध्यम से उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की है।
मोघा नंबर 31400 के अधीन किसानों की समस्या
गांव ओढां के किसानों हरबंस सिंह, कुलदीप सिंह, रुपिंद्र सिंह, सतवीर सिंह, गुरवीर सिंह, दर्शन सिंह और बाबू सिंह ने बताया कि उनका खेती का रकबा ओढां माइनर के मोघा नंबर 31400 के अधीन आता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेलदार ने पहले उनके मोघे को बंद कर दिया और बाद में उसे खोल दिया। किसानों का कहना है कि जेई ने उनसे यह कहते हुए खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाए कि उनके मोघे का साइज बड़ा किया जाएगा।
जेई और बेलदार पर धमकियों और अवैध वसूली का आरोप
किसानों का आरोप है कि जेई ने खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाने के बाद उस पर अपनी मर्जी से लिख दिया कि किसानों को उनके खेतों में पर्याप्त पानी मिल रहा है। जबकि, हकीकत में ये हस्ताक्षर मोघा बड़ा करने के लिए किए गए थे। इसके बाद, जेई और बेलदार ने किसानों को धमकियां देना शुरू कर दिया कि अगर उन्हें पैसे नहीं दिए गए तो वे मोघा बंद करवा देंगे।
पहले भी दिए जा चुके हैं पैसे
किसानों का दावा है कि उन्होंने पहले भी कई बार मोघा बड़ा करने के लिए पैसे दिए थे, लेकिन अब अधिकारियों ने और अधिक पैसे मांगना शुरू कर दिया है। जब किसानों ने पैसे देने से इनकार किया, तो उन्हें धमकियां दी गईं। किसानों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर पहले भी कुछ किसानों ने शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
जेई का जवाब : लगाए गए आरोप निराधार
इस बीच, नहरी विभाग के जेई, जगदीप सिंह ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोघा का निर्धारित साइज पिछली नहरी बंदी के दौरान लगाया गया था। उन्होंने दावा किया कि कुछ किसानों ने अपनी मर्जी से मोघे के साथ छेड़छाड़ कर उसे बड़ा कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में उन्होंने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। जेई ने स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने किसी को धमकी दी है, न ही किसी से पैसे मांगे हैं, और न ही खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं।
मामले की निष्पक्ष जांच की मांग
किसानों ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है और उच्चाधिकारियों से अपील की है कि इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे और इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।