सिरसा : बिन पानी सब सून… जमालवासियों की नहरी पानी की कमी की समस्या
चुनावी सरगर्मी के बीच पानी की किल्लत
चोपटा। सिरसा जिले के ऐलनाबाद हलके के प्रमुख गांव जमाल में चुनावी सरगर्मी तेज है। हालांकि, इस बार के चुनाव में गांव की समस्याओं को लेकर भी मतदाताओं की आवाज उठ रही है। वीरवार को नामांकन का अंतिम दिन है, और इस दौरान चुनावी दल और निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने में लगे हुए हैं। अभी तक हरियाणा लोकहित पार्टी के मयंक गिदरा और एक निर्दलीय विक्रम पाल ने ही नामांकन दाखिल किया है।
गांव जमाल की प्रमुख समस्याओं में नहरी पानी की कमी, पेयजल की समस्या, ढाणियों में बिजली की कमी और युवाओं के लिए रोजगार का अभाव शामिल हैं। इस गांव के निवासियों की मुख्य चिंता इन समस्याओं के समाधान की है, जो लंबे समय से उनके जीवन को प्रभावित कर रही हैं।
जलघर की समस्या और पेयजल संकट
जमाल गांव में जलघर की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन डिग्गियों में अक्सर पानी की कमी रहती है। इससे गांव में पीने के पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। कई बार ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान के लिए आंदोलन भी किया है, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। गांव के निवासी राजेश कुमार, वेदपाल और अशोक कुमार बताते हैं कि खेल परिसर में भी आवश्यक सुविधाओं की कमी है, जिससे युवाओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है।
बिजली और पानी की समस्या
गांव के वार्ड नंबर 19 और 20 में बनी लगभग 125 ढाणियों में बिजली और पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान इन ढाणियों के लोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था। इसके अलावा, नहरों के अंतिम छोर पर पड़ने के कारण सिंचाई के पानी की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे अधिकतर फसलें बारिश पर निर्भर रहती हैं। इस समस्या के समाधान को लेकर ग्रामीण पिछले चार महीने से धरना दे रहे हैं।
गांव में उपलब्ध सुविधाएं
गांव में सरकार द्वारा कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 132 केवी और 33 केवी बिजलीघर, पशु अस्पताल, 12वीं तक का विद्यालय, सहकारी बैंक, पीएनबी बैंक की शाखा, पुलिस चौकी, ग्राम ज्ञान केंद्र और खेल परिसर शामिल हैं। बावजूद इसके, गांव में जल और बिजली की समस्याएं अभी भी गंभीर हैं।
गांव का ऐतिहासिक महत्व
सिरसा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर, राजस्थान सीमा पर स्थित चोपटा खंड के गांव जमाल की स्थापना करीब 600 साल पहले जैमल बैनीवाल नामक व्यक्ति ने की थी। गांव का नाम जैमल से बदलकर जमाल पड़ा। यह गांव ऐतिहासिक महत्व का है और यहां कई शूरवीरों ने जन्म लिया है।
समस्याओं के प्रति स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रियाएं
गांव के निवासी सतपाल और देवीलाल के अनुसार, नहरी पानी की कमी और पेयजल संकट को लेकर उनकी लंबे समय से मांग रही है कि इस ओर तुरंत ध्यान दिया जाए। हालांकि, अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
गांव जमाल की कुल आबादी लगभग 15,000 है, जिसमें 7,400 मतदाता शामिल हैं। इनमें 3,500 महिला मतदाता और 3,900 पुरुष मतदाता हैं। चुनावी माहौल के बीच, यह देखा जाएगा कि क्या ग्रामीण समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं और किस पार्टी को इसका फायदा होता है।