यूपी में कामचोर अधिकारियों की खैर नहीं : नोएडा प्राधिकरण ने लॉन्च किया रियल-टाइम मॉनिटरिंग एप

यूपी में कामचोर अधिकारियों की खैर नहीं : नोएडा प्राधिकरण ने लॉन्च किया रियल-टाइम मॉनिटरिंग एप

विकास कार्यों की निगरानी में नया कदम

नोएडा प्राधिकरण अब अपने सभी विकास कार्यों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक नया एप लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह एप अधिकारियों को विभिन्न गतिविधियों जैसे सड़क रीसर्फेसिंग, नालों की सफाई और मैकेनिकल स्वीपिंग की जानकारी तुरंत प्रदान करेगा। एप का संचालन एक निजी एजेंसी द्वारा किया जाएगा, जो हर दिन की अपडेट फीड करने की जिम्मेदारी संभालेगी। इस एप का मुख्य उद्देश्य सभी प्रॉजेक्ट्स की गुणवत्ता और प्रगति पर नज़र रखना है, जिससे विकास कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सके।

 

एप डेवलपमेंट की प्रक्रिया

नोएडा प्राधिकरण ने एप के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले सिविल प्रॉजेक्ट की प्रगति को एक सॉफ़्टवेयर पर सप्ताह में एक बार अपडेट किया जाता था, लेकिन नए एप में जल, जन स्वास्थ्य, सिविल, विद्युत, यांत्रिक और ट्रैफिक सेल को भी शामिल किया जाएगा। इस एप के माध्यम से सभी विभागों की गतिविधियों को रियल-टाइम में मॉनिटर करना संभव होगा।

 

स्मार्ट सिटी में सेंसर और जीपीएस का उपयोग

इस एप में प्रमुख नालों में सेंसर लगाने की योजना भी है, जिससे सिल्ट का स्तर मापा जा सकेगा। इससे नालों की सफाई की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके अतिरिक्त, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन पर जीपीएस लगाया जाएगा, जिससे सफाई की स्थिति की अपडेट फोटो आईटीएमएस में लगे कैमरों के जरिए एप पर फीड की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार हो रहे हैं।

 

शिकायत और फीडबैक का विकल्प

एप का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि नागरिकों को शिकायत और फीडबैक देने का विकल्प भी उपलब्ध होगा। इससे जनता अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों के सामने रख सकेगी, जिससे उनके समाधान में तेजी आएगी। सिविल निर्माण कार्यों की स्थिति और उपयोग हो रहे मटीरियल की गुणवत्ता चेक करने की सुविधा भी एप में उपलब्ध होगी, जिससे अधिकारियों को भुगतान के समय सही जानकारी प्राप्त होगी।

 

जलभराव की समस्या का समाधान

नोएडा के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में जलभराव से निपटने के लिए एक एक्शन प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो सर्वे कर अपनी रिपोर्ट देगी और उसके आधार पर कार्य योजना तैयार करेगी। रविवार को नोएडा अथॉरिटी और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कई क्षेत्रों का दौरा किया और जलभराव की समस्या के समाधान के लिए निरीक्षण किया।

 

नोएडा प्राधिकरण का यह नया एप न केवल अधिकारियों को अपने क्षेत्र में हो रहे काम की प्रगति पर नजर रखने में मदद करेगा, बल्कि यह नागरिकों को भी सक्रिय रूप से शामिल करेगा। इस प्रकार, यह पहल यूपी में कामचोर अधिकारियों की खैर नहीं होने का संकेत देती है। अब अधिकारी अपने स्मार्टफोन के जरिए विकास कार्यों की स्थिति की निगरानी कर सकेंगे, और समस्याओं के समाधान में तेजी आएगी। यह कदम नोएडा को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो नागरिकों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाने में सहायक होगा।

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