भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में सैटेलाइट कंपनियों को रेडियो तरंगें आवंटित करने के लिए नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की है। यह प्रक्रिया भारतीय बाजार में एलन मस्क की स्वामित्व वाली स्टारलिंक सहित विभिन्न सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं की संभावित एंट्री को मजबूती प्रदान कर सकती है। TRAI ने 21 बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं, जो सैटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन सेवाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
STARLINK और अन्य सैटेलाइट सेवाओं का भविष्य
स्टारलिंक, जो विश्वभर में इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए जाने जाना जाता है, भारतीय बाजार में प्रवेश करने की तैयारी कर रहा है। TRAI द्वारा शुरू की गई इस परामर्श प्रक्रिया से कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए एक स्पष्ट दिशा मिलेगी। भारती समूह समर्थित वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशन जैसी अन्य कंपनियां भी इस प्रक्रिया से लाभान्वित हो सकती हैं।
स्पेक्ट्रम आवंटन की नई विधि
दूरसंचार विभाग ने TRAI से अनुरोध किया है कि वह सैटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन सेवाओं के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों को समान अवसर प्रदान करे। इस संबंध में, TRAI ने 18 अक्टूबर को सुझावों की अंतिम तिथि और 25 अक्टूबर को जवाबी टिप्पणियों के लिए समयसीमा निर्धारित की है। इन बिंदुओं में स्पेक्ट्रम शुल्क निर्धारण की विधि, सैटेलाइट संचार सेवाओं के लिए फ्रीक्वेंसी बैंड और स्पेक्ट्रम वापस करने का प्रावधान शामिल हैं।
सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाओं के लाभ
सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में उच्च गति इंटरनेट उपलब्ध कराने का एक प्रभावी उपाय हो सकती हैं। भारतीय सरकार ने 2023 के दूरसंचार अधिनियम के तहत प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से ज्यादातर सैटेलाइट सेवाओं के लिए बिना नीलामी स्पेक्ट्रम आवंटित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय ऐसे क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ पारंपरिक नेटवर्क की पहुंच सीमित है।
STARLINK के लिए संभावनाएँ
स्टारलिंक की तकनीक के माध्यम से भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। यह केवल इंटरनेट सेवाएं प्रदान नहीं करेगा, बल्कि आवाज, टेक्स्ट और डेटा सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा। जैसे-जैसे सैटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन सेवाओं की मांग बढ़ रही है, TRAI की यह पहल भारतीय बाजार में इन सेवाओं को लागू करने के लिए एक नया अध्याय खोल सकती है।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं की संभावित एंट्री विशेष रूप से STARLINK के माध्यम से इंटरनेट कनेक्टिविटी को एक नई दिशा दे सकती है। TRAI की नई पहल न केवल सैटेलाइट कंपनियों के लिए एक अवसर है, बल्कि यह भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बेहतर इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। अगर सब कुछ सही रहा, तो अगले कुछ महीनों में हम भारतीय बाजार में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं का आगमन देख सकते हैं, जो डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।