यूपी पुलिस का मंगेश यादव एनकाउंटर : 5 प्रमुख सबूत और विपक्षी आरोपों का जवाब
एनकाउंटर पर विपक्ष के सवाल
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में हाल ही में हुए मंगेश यादव के एनकाउंटर ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए इसे हत्या करार दिया है। उनके अनुसार, मंगेश यादव को पुलिस ने रात के समय उठाया और फिर उसे एनकाउंटर में मारा। इसके साथ ही, मंगेश की बहन ने दावा किया था कि मंगेश 28 अगस्त को सुलतानपुर में नहीं बल्कि जौनपुर में था, जिससे एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठे।
यूपी पुलिस के सबूत
इन आरोपों के बीच, यूपी पुलिस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में 3 वीडियो और 2 तस्वीरों के साथ अपने पक्ष को प्रस्तुत किया। पुलिस का दावा है कि इन सबूतों के जरिए वे विपक्षी आरोपों का जवाब दे सकते हैं और एनकाउंटर की वैधता को साबित कर सकते हैं।
पहला सबूत: CCTV वीडियो
पुलिस ने पहला वीडियो जारी किया, जो 28 अगस्त को सुलतानपुर में सर्राफा की दुकान पर हुई डकैती का है। इस वीडियो में मंगेश यादव को फिरोजी रंग की शर्ट में और हेलमेट पहने हुए दुकान के भीतर दिखाया गया है। पुलिस का कहना है कि इस वीडियो के आधार पर यह स्पष्ट है कि मंगेश यादव डकैती में शामिल था।
दूसरा सबूत: तस्वीरें और आरोपी का कबूलनामे
पुलिस ने एक तस्वीर भी जारी की जिसमें मंगेश यादव के अलावा अन्य आरोपी जैसे अंकित, अरबाज, अनुज प्रताप सिंह और फुरकान को भी डकैती में शामिल बताया गया है। इसके साथ ही, पुलिस ने मुख्य आरोपी के कबूलनामे को भी सबूत के तौर पर पेश किया है, जो मंगेश यादव की डकैती में संलिप्तता की पुष्टि करता है।
तीसरा सबूत : मंगेश की माँ और बहन के दावे
मंगेश की मां और बहन के दावों का जवाब देने के लिए यूपी पुलिस ने दो वीडियो जारी किए। इनमें मंगेश की तलाश में पुलिस के जौनपुर पहुंचने के दृश्य हैं। पुलिस का कहना है कि ये वीडियो 2 सितंबर की रात के हैं, जब मंगेश की तलाश जारी थी। इससे पहले मंगेश की बहन ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने मंगेश को 2 सितंबर को ही उठा लिया था।
डीजीपी का बयान
यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से साक्ष्य आधारित है और जाति या किसी अन्य फैक्टर के आधार पर नहीं की जाती। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगेश यादव सुलतानपुर डकैती में शामिल था और पुलिस के पास इसके पुख्ता सबूत हैं। डीजीपी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई निष्पक्ष है और सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
नतीजा और भविष्य की दिशा
सुलतानपुर डकैती के बाद मंगेश यादव के एनकाउंटर पर उठे सवालों ने यूपी पुलिस और योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। विपक्षी दलों ने इसे हत्या करार देते हुए सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, यूपी पुलिस ने अपने सबूतों के साथ एनकाउंटर की वैधता को साबित करने का प्रयास किया है।
अब यह देखना होगा कि इस मामले में अदालत में क्या निर्णय होता है और क्या यूपी पुलिस अपने सबूतों से एनकाउंटर की वैधता को कानूनी मान्यता दिला पाएगी। इस बीच, राजनीतिक बहस और कानूनी जांच के चलते यह मामला सुर्खियों में बना रहेगा।